
गर्दन को झुकाना, मोड़ना व घुमानाः खड़े होकर दोनों पैरों को मिला लीजिए और दोनों हाथ कमर से सटा लीजिए। फिर सांस भरते हुए गर्दन को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ ले जाएं। इस दौरान आंखें खुली रहनी चाहिए। फिर सांस छोड़ते हुए गर्दन को नीचे लाइए। ये अभ्यास 10 बार दोहराइए।
गर्दन को घुमानाः खड़े होने की स्थिति में दोनों पैर मिलाइए और दोनों हाथ कमर से सटा लीजिए। फिर मुंह को सामने रखते हुए गर्दन को सांस लेते हुए दाएं तरफ से बाईं तरफ घुमाइए। इस अभ्यास को 10 बार दोहराइए।
कंधों को घुमानाः खड़े होने की स्थिति में कमर और गर्दन को सीधा रखिए। फिर दोनों हाथों की उंगलियों को कंधों पर कसिए। कंधों को जोड़ों से वृत्ताकार 10-10 बार दाईं से बाईं और फिर बाईं से दाईं तरफ घुमाइए। इसके बाद सांस लेते हुए कंधों को ऊपर की तरफ ले जाइए। फिर सांस छोड़ते हुए कंधों को नीचे ले जाइए।
कुहनियों को मोड़नाः खड़े या बैठने की स्थिति में रहकर कमर और गर्दन को सीधा करके दोनों हाथ सामने कीजिए। इस दौरान हाथों के पंजे खुले रहेंगे। हथेलियां ऊपर की तरफ रहेंगी। भुजाओं को कोहनियों से मोड़ते हुए उंगलियों का कंधे से स्पर्श कीजिए। फिर भुजाओं को सीधा कर लीजिए। इस अभ्यास को करते समय सांस नासिका से लेते हुए भुजाएं फैलानी हैं और सांस छोड़ते हुए कोहनियों से मोड़नी हैं। इस अभ्यास को 10 बार कीजिए।
आसनों के लाभः शरीर को मस्तिष्क से जोड़ने वाली सभी नसें गर्दन से ही होकर गुजरती हैं जिसकी वजह से यह शरीर का महत्वपूर्ण केंद्र है। इन आसनों को रोज करने से गर्दन स्वस्थ एवं सुडौल रहती है और रक्त संचार भी सुचारू बना रहता है।
Source: ibnlive
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