गर्भवती महिलाओं के लिए बाईं ओर करवट करके सोने की मुद्रा सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है। इस दौरान आराम अधिक महसूस होता है और पेट के भार से किडनी व लिवर को नुकसान नहीं पहुंचता है। पीठ के बल सोने से बचें क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। इस दौरान गर्भाशय का दबाव रीढ़ की हड्डी, कमर और आंतों पर पड़ता है। इससे रक्त संचार के अलावा, मांसपेशियों में दर्द, क्रैंप आदि दिक्कतें हो सकती हैं। पेट के बल सोने से पूरा परहेज करें क्योंकि इससे गर्भाशय पर दबाव बढ़ता है और यह गर्भपात का कारण भी हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द से आराम के लिए कमर के नीचे तकिया लगाकर सोना चाहिए। बाईं ओर करवट करके सोने से सांस लेने में दिक्कत नहीं होती और एसिड रिफ्लक्स से बचाव होता है। गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी व एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए सिर के नीचे मोटे तकिये का इस्तेमाल करें।