जोड़ों – घुटनो के दर्द ~ कंधे की जकड़न ~ एक टांग मे दर्द …. !
( साइटिका / रिंगन बाय / गृध्रसी ) – गर्दन का दर्द ( सरवाईकाल स्पोंदिलाइटिस ) आदि की हानि रहित सुरक्षित चिकित्सा !
कोई भी आयुर्वेदिक तेल जैसे महानारायण तेल, आयोडेक्स, मूव, वोलीनी आदि इसके समान प्रभावशाली नहीं है । एक बार आप इसे जरूर बनाए … !
250 ग्राम तेल ( सरसों या तिल का )
500 ग्राम कायफल !
“ कायफल यह एक पेड़ की छाल है” जो देखने मे गहरे लाल रंग की खुरदरी लगभग 2 इंच के टुकड़ों मे मिलती है ! ये सभी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी बेचने वाली दुकानों पर कायफल के नाम से मिलती है ! इसे लाकर कूट कर बारीक पीस लेना चाहिए ! जितना महीन / बारीक पीसोगे उतना ही अधिक गुणकारी होगा ) !
बनाने की विधि :-
एक लोहे / पीतल / एल्यूमिनियम की कड़ाही मे तेल गरम करें – आग धीमी रखें !
जब तेल गरम हो जाए तब थोड़ा थोड़ा करके कायफल का चूर्ण डालते जाएँ !
जब सारा चूर्ण खत्म हो जाए तब कड़ाही के नीचे से आग बंद कर दे !
एक कपड़े मे से तेल छान ले ! जब तेल ठंडा हो जाए तब कपड़े को निचोड़ लें !
इस तेल को एक बोतल मे रख ले ! कुछ दिन मे तेल मे से लाल रंग नीचे बैठ जाएगा ! उसके बाद उसे दूसरी शीशी मे डाल ले !
Source: streetayurveda
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